Truth …Tum bhi khush ho , Me bhi khush hu…..khash Hum bhi khush hote.

​ये सब किसी कहानी की तरह ही तो लगता है,अभी कल ही की तो बात थी जब हम मिले थे फिर न जाने कैसे तुम आदत में बदल में गयी कैसे धीरे धीरे शुगर की तरह मुझमे घुलती चली गयी कैसे तुम्हारे बिन एक भी फैसला लेना बेमानी सा लगता था कैसे हर फैसले का नतीजा तुम्हारे इर्द गिर्द ही होता था कॉलेज जाने से लेकर कोचिंग सेंटर के टाइमिंग भी।

खैर कब फैसलो के बीच फासला आ गया पता ही नही चला, कब हम से मैं और तुम हो गए अन्दाज ही नही मिला। 

मै और तुम आज भी वहीँ हैं, वहीं खड़े हैं हम बनने के इंतज़ार में पर वक़्त बहुत आगे निकल गया है। पहले मैं और तुम फिर हम फिर मैं और तुम और अब तुम दोनो, इन्ही सम्बोधन के बीच जिंदगी का फलसफा भी है।

और कहते हैं शादी सात जन्मों का बंधन है,तो तुम्हारा और तुम्हारे उनका यह सातवाँ जन्म ही हैं ।क्यू की अगले जन्म में तुम किसी और की नहीं हो सकती और अगर ऐसा नहीं होता है तो मुझे फिर से ज़िन्दगी ही नहीं चाहिये । में भी ना देखो कितना सेल्फिश हु सिर्फ तुम्हे पाने के लिये अगले जन्म तक पहुँच गया …..इस जन्म में क्या करना है वो तो सोच ही नहीं पा रहा हूँ …..खेर छोड़ो जो हुआ अच्छा हुआ ।

पर जो क़िरदार तुमने मेरी जिंदगी में निभाया है वो तुम्हे हर जनम निभाना होगा ….

एक तो मेरे मैसेज का रिप्लाई नहीं देते हो और एक मैसेज को 5 -5 बार पढ़ते हो यह अच्छा नहीं है आप रिप्लाई दे दिया करो आप रिप्लाई नहीं देते हो तो मुझे गुशा आता है और में गुशे में पता है न क्या करता हु सो प्ल्ज़ रिप्लाई दे दिया करो। आपको पता है आप से बात करता हु तो एक अलग ही एनर्जी मेरे अंदर आ जाती है एक सकून सा मिलता है आप से बात करके । मुझे याद है लास्ट टाइम 23 january को मिड नाईट में आप से बात की थी उसके बाद इतनी अच्छी नींद आई की क्या बताऊँ….वो 5 दिन की exhibition की थकान 15 मिनट में ख़त्म हो गयी ।।

आज भी जब तनहा होता हूँ तो यही सोचता हूँ की काश. ………………

और उम्र के साथ साथ ये काश और भी लंबा और दर्दनाक होता जा रहा है 
“सभी पुराने ठौर ठिकाने टोक रहे है आते जाते 

तुम भी खुश हो मैं भी खुश हूँ काश की हम भी खुश हो पाते” 
#भव

Author: Bhav

I m so simple .

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